National Archives of India (NAI) "Sushasan aur Abhilekh"
National Archives of India (NAI) "Sushasan aur Abhilekh"
स्वच्छता एवं सुशासन सुखी जीवन का आधार है. सामाजिक परिवेश में, आचरण में, लोक व्यवहार में, निजी जीवन में तथा जन-कल्याण कार्यक्रमों में स्वच्छता एवं सुशासन का महत्त्व सर्वविदित है. पिछले 10 वर्षों में भारत सरकार ने स्वच्छता को एक अभियान के रूप में चलाया है जिसके अनेक सकारात्मक पहलू हैं. जहां सामाजिक एवं आर्थिक जीवन, तथा जन-स्वास्थय पर इसके महत्वपूर्ण प्रभाव का हमें प्रत्यक्ष अनुभव होता है वहीं इस अभियान का एक ऐसा पहलू भी है जिसकी चर्चा भले ही कम हुई है, किन्तु जिसने देश के इतिहास को बहुत समृद्ध किया है।
अभिलेख सुशासन का आधार है. इस अभियान के अंतर्गत भारत सरकार के मंत्रालयों, विभागों व अन्य उपक्रमों में पुराने अभिलेखों की समीक्षा, निस्तारण, मूल्यांकन, तथा स्थाई महत्व के ऐतिहासिक अभिलेखों को राष्ट्रीय अभिलेखागार को सौंपने का एक अति महत्वपूर्ण कार्यक्रम भी चलाया गया।
राष्ट्रीय अभिलेखागार भारत सरकार के संस्कृति मंत्रालय के संबद्ध विभाग के रूप में लोक अभिलेख अधिनियम, 1993, व लोक अभिलेख नियम, 1997 के क्रियान्वयन हेतु एक नोडल एजेंसी का कार्य करता है तथा भारत सरकार के लोक अभिलेखों के प्रबंधन व ऐतिहासिक महत्व के अभिलेखों के संरक्षण हेतु उत्तरदाई है।
स्वच्छ-भारत अभियान के अंतर्गत सन् 2021 से 2024 के बीच भारत सरकार के 11 मंत्रालयों/ विभागों द्वारा ऐतिहासिक महत्व की लगभग 74,000 फाइल्स का स्थानान्तरण राष्ट्रीय अभिलेखागार को किया गया. इस प्रदर्शनी के माध्यम से राष्ट्रीय अभिलेखागार द्वारा इनमे से 11 मत्रांलयों / विभागों के नव-आगत महत्वपूर्ण ऐतिहासिक अभिलेखों में सुशासन की एक झांकी प्रस्तुत की गई है।
1. राष्ट्रपति सचिवालय:
राष्ट्रपति सचिवालय के अनेक महत्वपूर्ण दस्तावेज़ों में राष्ट्रपति भवन की प्रथम एरियल फोटोग्राफी एवं जनरल माँनेकशा को देश के प्रथम फील्ड मार्शल के रूप में अलंकृत किया जाना देखा जा सकता है।
2. चुनाव आयोग:
भारतीय लोकतंत्र को मजबूत बनाने में भारतीय चुनाव आयोग ने अपना महत्वपूर्ण योगदान दिया है और अनेक पड़ाव देखे है. इन दस्तावेज़ों मेंचुनाव में मतदान पेटी से ई.वी.एम. का सफ़र देखा जा सकता है। ई.वी.एम का प्रथम बार सफलतापूर्वक प्रयोग 1982 में केरल के विधानसभा चुनाव में परूर नामक स्थान पर किया गया था।
3. रेल मंत्रालय:
रेल ने भारत को जोड़ा है. यह मानव शरीर में धमनियों की तरह कार्य करती है। भारतीय रेल ने भारत में ही नहीं बल्कि अन्य देशों में भी रेलगति को विस्तार दिया. इस खण्ड में भारत व अन्य देशों, जैसे श्रीलंका और म्यांमार में रेलवे के क्षेत्र में सहयोग से संबंधित अभिलेखों को देखा जा सकता है।
4. जल संसाधन मंत्रालय:
भारत में जल संचय का इतिहास बहुत पुराना है और जलशक्ति मंत्रालय ने नदियों के संरक्षण और समन्वय में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है. इस खण्ड में देश की जल नीति तथा सोम कमला अम्बापरियोजना से संबंधित अभिलेख सामग्री देखी जा सकता है।
5. विधि एवं न्याय मंत्रालय:
विधि एवं न्याय मंत्रालय ने आजादी के पश्चात लम्बा सफर तय किया है. नाम एवं प्रतीक बदलना एक स्वाभाविक प्रक्रिया है. प्रदर्शित अभिलेखों में आप देख सकते हैंकि स्वतंत्रता प्राप्ति के बाद कैसे इम्पीरियल लाइब्रेरी का नाम नेशनल लाइब्रेरी के रूप में परिवर्तित किया गया. साथ ही देख सकते हैं1955 के सिटीजनशिप बिल पर चर्चा।
6. उर्जा मंत्रालय:
विकसित हो रहे भारत की ऊर्जा जरूरतों को ऊर्जा मंत्रालय द्वारा भली भांति समझा गया. इस अवधि में अनेक पावर प्रोजेक्ट देश में बने.इसके माध्यम से उत्तराखण्ड में टिहरी बांध परियोजना व कोटेश्वर बांध परियोजना को दस्तावेजों के माध्यम से देख सकते हैं।
7. संसदीय कार्य मंत्रालय:
भारतीय लोकतंत्र और संसदीय परम्पराएं एक दूसरे की पूरक रही है. प्रदर्शित अभिलेखों में इस लम्बी यात्रा में अनेक संविधान संशोधन बिल एवं राज्य सभा के उप-सभापति का चुनाव को देखा जा सकता है।
8. वाणिज्य एवं उद्योग मंत्रालय:
वाणिज्य एवं उद्योग मंत्रालय ने देश के भीतर एवं बाहर व्यापार और उद्योग को बढ़ाने के सतत प्रयास किए है. विनिमय एवं नीति निर्धारण में महती भूमिका निभाई है। नेशनल रिन्यूअलफण्ड (NRF) एवं बोफोर्स से संबंधित संसदीय समिति जैसे रोचक दस्तावेजों को इसमें देखा जा सकता है।
9. भारी उद्योग एवं सार्वजनिक उद्यम मंत्रालय:
भारी उद्योग मंत्रालय ने इंजीनियरिंग उद्योग को निरन्तर बढ़ावा दिया है. कलकत्ता का हुगली ब्रिज बेजोड़ इंजीनियरिंग का नमूना है जिससे जुड़े दस्तावेजों को यहां देखा जा सकता है।
10. पेटेंट कार्यालय:
आजादी के बाद अनेक भारतीयों ने शोध में उत्कृष्ट कार्य करते हुए अनेक पेटेंट हासिल किए है। कुछ उल्लेखनीय एवं रोचक पेटेंट प्रदर्शित हैं जिनमें जैसे विस्वास रघुनाथ भर्वेद्वारा बहुभाषी टाइपराइटर का पेटेंट शामिल है।
11. प्रेस सूचना ब्यूरो:
प्रेस सूचना ब्यूरो ने भारत सरकार की नीतियों व कार्यक्रमों के प्रचार-प्रसार में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है. इस खण्ड में महत्वपूर्ण सूचना के रूप में जनरल जयंतो नाथ चौधरी एवं एयर मार्शल अर्जन सिंह को पदमविभूषण मिलना; 1950 में भारत के प्रथम उप-प्रधानमंत्री श्री वल्लभ भाई पटेल का कलकत्ता रेडियो पर उद्धबोधन, इत्यादि को प्रदर्शित अभिलेखों में देखा जा सकता है।